सरोदे-शबाना-2-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz

सरोदे-शबाना-2-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz नीम शब, चांद, ख़ुद-फ़रामोशी महफ़िले-हस्ती-बूद वीरां है पैकरे-इल्तिजा है ख़ामोशी बज़मे-अंजुम फ़सुरदा-सामां है आबशारे-सुकूत जारी है चार सू बेख़ुदी सी तारी है ज़िन्दगी जुज़वे-ख्वाब है गोया सारी दुनिया सराब है गोया सो रही है घने दरख़तों पर चांदनी की थकी हुयी …

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