ख़ामोशी : हलचल-तीसरा सप्तक-कुँवर नारायण-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kunwar Narayan
ख़ामोशी : हलचल-तीसरा सप्तक-कुँवर नारायण-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kunwar Narayan कितना ख़ामोश है मेरा कुल आस-पास, कितनी बेख़्वाब है सारी चीज़ें उदास, दरवाज़े खुले हुए, सुनते कुछ, बिना कहे, बेबकूफ़ नज़रों से मुँह बाये देख रहे : चीज़ें ही चीज़े हैं, चीज़ें बेजान हैं, फिर भी यह लगता है बेहद परेशान …