फ़कीरों की सदा-1-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

फ़कीरों की सदा-1-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi ज़र की जो मुहब्बत, तुझे पड़ जायेगी, बाबा। दुःख उसमें तेरी रूह, बहुत पायेगी बाबा। हर खाने को हर पीने को तरसाएगी बाबा। दौलत जो तेरे यां है न काम आयेगी बाबा। फिर क्या तुझे अल्लाह से मिलवाएगी बाबा॥1॥ दौलत …

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 परमात्मा की याद- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi 

परमात्मा की याद- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi इस अर्ज़ो-समां के अर्से में यह जितना खच्चम खच्चा है। यह ठाठ तुझी ने बांधा है, यह रंग तुझी ने रच्चा है। हैवान, पखेरू, नर नारी, क्या बूढ़ा बालक बच्चा है। क्या दाना बीना भरा, क्या भोला नादां कच्चा है। …

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