आ झमके ऐशो-तरब क्या क्या, जब हुश्न दिखाया होली ने-होली कविता -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
आ झमके ऐशो-तरब क्या क्या, जब हुश्न दिखाया होली ने-होली कविता -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi आ झमके ऐशो-तरब क्या क्या, जब हुश्न दिखाया होली ने। हर आन खुशी की धूम हुई, यूं लुत्फ़ जताया होली ने। हर ख़ातिर को ख़रसन्द किया, हर दिल को लुभाया होली ने। दफ़ …