खसमु मरै तउ नारि न रोवै-शब्द-कबीर जी -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kabir Ji
खसमु मरै तउ नारि न रोवै-शब्द-कबीर जी -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kabir Ji खसमु मरै तउ नारि न रोवै ॥ उसु रखवारा अउरो होवै ॥ रखवारे का होइ बिनास ॥ आगै नरकु ईहा भोग बिलास ॥१॥ एक सुहागनि जगत पिआरी ॥ सगले जीअ जंत की नारी ॥१॥ रहाउ ॥ सोहागनि गलि …