खतरा है- कविता -मनोहर लाल ‘रत्नम’ सहदेव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Manohar Lal Ratnam Sahdev
खतरा है- कविता -मनोहर लाल ‘रत्नम’ सहदेव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Manohar Lal Ratnam Sahdev देशवासियों सुनो देश को, आज भयंकर खतरा है। जितना बाहर से खतरा, उतना भीतर से खतरा है॥ सर पर खरा चीन से है, लंका से खतरा पैरों में, अपने भाई दिख रहे हैं, जो बैठे हत्यारों में। इधर पाक से …