कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1
कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1 देखो, मुझे ग़लत न समझना धूप गयी अब तारे निकले, फिर भी मैं बैठा रहा उस सुनसान अधडूबी अधटूटी नाव की मुंडेर पर । जैसे मैं खुद हूँ साँझ उसकी उदास शून्यता, उसका अकेलापन राह-दिशा-हीन एक रास्ता चारों ओर …