कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1   देखो, मुझे ग़लत न समझना धूप गयी अब तारे निकले, फिर भी मैं बैठा रहा उस सुनसान अधडूबी अधटूटी नाव की मुंडेर पर । जैसे मैं खुद हूँ साँझ उसकी उदास शून्यता, उसका अकेलापन राह-दिशा-हीन एक रास्ता चारों ओर …

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कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2 पदाधिकारी सारी स्मृतियाँ क्षोभ और अनुरक्ति समस्त पराजय विस्मृति और क्षति बिना दुविधा और तर्क के स्वीकार लेता है वह आदमी सिर झुकाये सह जाता है सारे निर्णय। हवा रहित कोठरी में स्थिर दीपशिखा-सा दाँय-दाँय जलता है डावाँडोल काग़ज़ का …

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कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3 साँझ सवेरा हमेशा देर से पहुँचता हूँ : ताजे फूल, अगरु और मृत्यु की महक धूमिल कोठरी में भर चुकी होती है सारे शब्द निःशब्द मिल चुके होते हैं शून्य सागर में सारी मुद्राएँ स्तब्ध और चकित हो बिला जाती …

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