सो जीविआ जिसु मनि वसिआ सोइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji
सो जीविआ जिसु मनि वसिआ सोइ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji सो जीविआ जिसु मनि वसिआ सोइ ॥ नानक अवरु न जीवै कोइ ॥ जे जीवै पति लथी जाइ ॥ सभु हरामु जेता किछु खाइ ॥ राजि रंगु मालि रंगु ॥ रंगि रता नचै नंगु ॥ …