अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

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ठूंठ और तृण-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

ठूंठ और तृण-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, पत्रहीन एक ठूंठ के पास छरहरा सा एक नन्हा तृण उग आया कहीं से हरा भरा, धानी रंग रूप, यौवन, कोमलता से भरा हुआ इठलाता ,बलखाता वो बढ़ने लगा, तेज़ धूप और घनी बरसात में भी हंसता रहा एक सुबह आँखें मींचते …

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सफलता असफलता-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

सफलता असफलता-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, सफलता……. पूर्णमासी के चाँद तक पंहुचने की सीढ़ी हर दिन, हर रात और हर कदम उस तक पँहुचने का प्रयास लक्ष्य से बंधी हुई हर सांस और….. कभी न टूटने वाली आस। विफलता….. एक अवसर फिर से चाँद तक जाने का एक मौका …

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दर्द मधु है, आंसू साकी है-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

दर्द मधु है, आंसू साकी है-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, जीवन की इस मधुशाला में दर्द मधु है आंसू साकी है, झूम उठेगा वो ही जिसमें तेरी यादें बाकी हैं, प्रथम मिलन की प्रथम झलक की अब तक नयनों में झांकी है झूम उठेगा वो ही जिसमें तेरी यादें …

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कोरोना तुम लौट जाओ-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

कोरोना तुम लौट जाओ-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, अच्छे नहीं लगते अब ये ऊंघते -अनमने से दिन कैद में हो जैसे जिंदगी कट रही उमर पल पल को गिन बस भी करो और न सताओ कोरोना तुम लौट जाओ पहले से ही थीं इतनी दूरियां, उनको और न बढ़ाओ …

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तुम एक देह हो-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

तुम एक देह हो-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, प्रकृति की अनुपम कृति हो जीवन का गान हो रात के अंधेरे को चीरते सूरज की लालिमा का भान हो धरती की छाती पर उग आयी लहलहाती हुई हरी मखमली धान हो घर को स्वर्ग बनाती लक्ष्मी का रूप हो मानवता …

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अनुसंधान-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

अनुसंधान-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, नित्य नये अनुसंधानों ने मिटा डाली हैं दूरियां नक्षत्रों की, सिमटा दिया है विशाल धरा को ग्रहों में भी जीवन ढूंढ रहे हो तुम, नाप लिया है प्रकाश वर्ष में सितारों के बीच की दूरियों को….. लेकिन क्या कभी की है कोशिश दो हृदयों …

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रास्ते की नदियां-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

रास्ते की नदियां-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, कल रास्ते में बहती हुई एक नदिया देखी, नदिया देखी और उसमें बहता हुआ पानी देखी बह रहा था जिसमें जीवन एक ओर दूसरी तरफ…. मृत्यु की निशानी देखी एक तरफ धुल रहे थे नवजीवन के आगमन से रक्तस्नात हुए कपड़े ठीक …

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बरगद-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

बरगद-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, बरगद सुनो युगों से तुम रहे हो पूजनीय, वंदनीय पात-पात में तुम्हारी देवताओं का वास होता है गात में तुम्हारी प्रज्ञा का निवास होता है सिद्धार्थ को बुद्ध तुमने बनाया ज्ञान से परिचय कराया तुम्हारी सघन जड़ें धरती को फाड़कर जा पंहुचती है पाताल …

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आधुनिक-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni,

आधुनिक-अलका सोनी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Alka Soni, आधुनिक हूँ मैं सोच से अपनी यह मानती हूं पहनावे से नहीं आती किसी में नवीनता सजाना पड़े साज़ बाहरी या अलंकार कोई फिर है कैसा यह नयापन तोड़ रूढ़ियाँ बढ़े रुग्ण सोच की तो कहलाए अर्वाचीन नवीन मांजे विचार व्यवहार को नूतनता से …

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