करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind छाये रे बादल-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind इन्द्रधनुष-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind ज्योति-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind झील-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता …

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छाये रे बादल-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

छाये रे बादल-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind छाये रे बादल बलहारी मेघ व्योमपति छाये पर्ण कुटीर की छाया मे अपने दृगजल लाये नव अंकुर फूट रहे अमृत कलश के भेद से सुरभि समीर प्रवाहन अतितीव्र प्रमोद से सुरज कि छवि मुदि मेघ के आह्वान से देख मोहक मधुर …

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इन्द्रधनुष-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

इन्द्रधनुष-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind झलके घटा इन्द्रधनुष कि भरे सतरंग चमक पुलक भरे वह झलक रहा व्योम धरा के सीने मे पुलकित किया आकाश को अन्तर लिये धनु रंगिले से चमक पडा था धीरे से व्योम धरा के सीने मे मेघ आये सतरंगे आाये सतरंगो से इन्द्रधनुष …

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ज्योति-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

ज्योति-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind ज्योति सा जलना मोम सा पिघलना नही धैर्य बाधे रहना बर्फ सा टघारना नही पथ भ्रमण पडाव आयेगे उंचे मुश्किल चढाव आयेगे निष्पक्ष होकर पथ पार करना हर क्षण को समझना ज्योति सा जलना मोम सा पिघलना नही पर अंजानी चीजो को अखरना …

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झील-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

झील-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind झील अब ठहर गयी जाने क्या हुआ पत्थर कि खिसावट रुक गयी जाने क्या हुआ अनावरत बढती घाटी थम गयी कुछ तो अवरुध्द हुआ एक तेज से बहती झील रुक गयी पता नही क्या हुआ झील अब ठहर गयी जाने क्या हुआ आँख …

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नवोन्मेष-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

नवोन्मेष-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind नवोत्थान नवोन्मीलन भव परिवर्तन मधु नव बाहार नये प्रकृति का हो निर्माण जो हो शोभासार अम्बर से चिर झाके भूमि मुस्काये बार बार नवल राष्ट्र मधु संसार का उत्थान उज्ज्वल प्रसार भौरे नीत करते अनुभूति बदला सरित का विहार

गीत-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

गीत-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind अधरो मे प्रिय प्यास भरी कैसे प्यास बुझाऊ मै जीवन मे परि- पूर्ण संसार टली अनुभव मे खरी- तूर्ण सांस थमी बिन सुख के लक्ष्य क्या तजू मै सुखमय जीवन कि प्यास करू मै। अधरो मे प्रिय प्यास भरी कैसे प्यास बुझाऊ मै …

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बादल-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

बादल-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind डूबती है स्निग्ध – तरू-तल पात डूबती है एक प्रसिध्द-पद दल- प्रभात क्या छा गयी क्षितिज पर एक रोर क्या भा गयी उस दल-भेश को मरोर छेक लेती है घटाये इस नीले आकाश को छेक लेता है उस चमकते दिनकाश को जो आ …

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 नीरव गान-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

नीरव गान-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind सर्थक – उन्मुक्त स्वतंत्र प्राण प्रार्थी कि अनुभूति आज्ञान बिसर गया अमरत्व आदान ईश्वर की शश्वत ज्ञान देकर शशि को भव कमान विनिमय करते आत्म प्राण हमको प्रदान कर शोभा शान जो हो एक अमरत्व पान करते ही अनुमोदन सहर्ष उठे ये …

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बीत रे गयी निशी-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind

बीत रे गयी निशी-कविता-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind बीत रे गायी निशी! प्रज्जवल हुयी सारी दिशी! पक्षी कि ध्वनि, प्रफुल्लित सकल आवनि, धौत- विमल – मणि फूटी विकीरण वन- उपवन मे नव – उन्मन! मनोरम उष्ठान- दृश्य मनोरम गात बीत रे गयी निशि! प्रज्जवल हुयी सारी दिशी! नूतन- …

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