कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे-ग़ज़लें -निदा फ़ाज़ली-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nida Fazli

कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे-ग़ज़लें -निदा फ़ाज़ली-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nida Fazli कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे वो बदन जब भी सजे कोई नया ख्वाब लगे एक चुप चाप सी लड़की, न कहानी न ग़ज़ल याद जो आये कभी रेशम-ओ-किम्ख्वाब लगे अभी बे-साया है दीवार कहीं लोच …

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