कब तक सहेंगे ज़ुल्म रफ़ीक़ो-रक़ीब के- धरती की सतह पर -अदम गोंडवी- Adam Gondvi-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita,

कब तक सहेंगे ज़ुल्म रफ़ीक़ो-रक़ीब के- धरती की सतह पर -अदम गोंडवी- Adam Gondvi-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, कब तक सहेंगे ज़ुल्म रफ़ीक़ो-रक़ीब के । शोलों में अब ढलेंगे ये आँसू ग़रीब के । इक हम हैं भुखमरी के जहन्नुम में जल रहे, इक आप हैं दुहरा रहे क़िस्से नसीब के । …

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