ऐ वस्ल कुछ यहाँ न हुआ कुछ नहीं हुआ -ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia
ऐ वस्ल कुछ यहाँ न हुआ कुछ नहीं हुआ -ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia ऐ वस्ल कुछ यहाँ न हुआ कुछ नहीं हुआ उस जिस्म की मैं जाँ न हुआ कुछ नहीं हुआ तू आज मेरे घर में जो मेहमाँ है ईद है तू घर का मेज़बाँ न …