एक तराना मुजाहदीने-फ़लिस्तीन के लिये-ग़ुब्बार-ए-अय्याम -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Faiz Ahmed Faiz

एक तराना मुजाहदीने-फ़लिस्तीन के लिये-ग़ुब्बार-ए-अय्याम -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Faiz Ahmed Faiz हम जीतेंगे हक्का हम इक दिन जीतेंगे बिल आख़िर इक दिन जीतेंगे क्या ख़ौफ़ ज़ि-यलग़ारे-आदा है सीना सिपर हर ग़ाज़ी का क्या ख़ौफ़ युरूशे-जैशे-कज़ा सफ़बसता हैं अरवाहुल-शुहदा डर काहे का हम जीतेंगे हक्का हम जीतेंगे कद-ज़ा अलहक्को-ज़हक अलबातिल फ़रमूदा रब्बे-अकबर …

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