एक जन्म दिन पर-जलते हुए वन का वसन्त-खण्ड तीन-दुष्यंत कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dushyant Kumar
एक जन्म दिन पर-जलते हुए वन का वसन्त-खण्ड तीन-दुष्यंत कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dushyant Kumar एक घनिष्ठ-सा दिन आज एक अजनबी की तरह पास से निकल गया। एक और सोते-सा सूख गया ! टूट गया एक और बाजू-सा ! एक घनिष्ठ-सा दिन- जिसे मैं चुंबनों से रचकर और कई सार्थक प्रसंगों …