एक गुमाँ का हाल है और फ़क़त गुमाँ में है-गुमाँ-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

एक गुमाँ का हाल है और फ़क़त गुमाँ में है-गुमाँ-ग़ज़लें-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia एक गुमाँ का हाल है और फ़क़त गुमाँ में है किस ने अज़ाब-ए-जाँ सहा कौन अज़ाब-ए-जाँ में है लम्हा-ब-लम्हा दम-ब-दम आन-ब-आन रम-ब-रम मैं भी गुज़िश्तगाँ में हूँ तू भी गुज़िश्तगाँ में है आदम-ओ-ज़ात-ए-किब्रिया कर्ब …

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