ऊँचाई-अनुभूति के स्वर-मेरी इक्यावन कविताएँ -अटल बिहारी वाजपेयी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita,

ऊँचाई-अनुभूति के स्वर-मेरी इक्यावन कविताएँ -अटल बिहारी वाजपेयी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, ऊँचे पहाड़ पर, पेड़ नहीं लगते, पौधे नहीं उगते, न घास ही जमती है। जमती है सिर्फ बर्फ, जो, कफ़न की तरह सफ़ेद और, मौत की तरह ठंडी होती है। खेलती, खिलखिलाती नदी, जिसका रूप धारण कर, अपने भाग्य पर …

Read more