वफ़ा-ए-वा’दः नहीं, वा’दः-ए-दिगर भी नहीं-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz

वफ़ा-ए-वा’दः नहीं, वा’दः-ए-दिगर भी नहीं-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz वफ़ा-ए-वा’दः नहीं, वा’दः-ए-दिगर भी नहीं वो मुझसे रूठे तो थे, लेकिन इस क़दर भी नहीं बरस रही है हरीमे-हवस मे दौलते-हुस्न गदा-ए-इश्क़ के कासे मे इक नज़र भी नहीं न जाने किसलिए उम्मीदवार बैठा हूँ इक ऐसी …

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