साँसे अपनी रोक कर तुम्हे छूना और छू कर ख़ुश हो जाना इसी को . . . . . . . .. . …
साँसे अपनी रोक कर तुम्हे छूना और छू कर ख़ुश…
साँसे अपनी रोक कर तुम्हे छूना और छू कर ख़ुश…
चलो तुम भी कुछ लिख दो ना अपनी शायरी में....…
ये अपनी अनुभव की बात कर रहे होंगे, मेरे साथ…
महफ़िल की वाह वाह में अपनी आह छुपाते है, शायरी…
यह चाहत है कि हमें अपना बनाये वो, अपने तमाम…