अकेलापन-प्रदीप सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pradeep Singh
अकेलापन-प्रदीप सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pradeep Singh आँख बंद करके जिधर महसूस हुई छुअन मैंने मुस्कुरा कर कहा हवा हवा संग आँख-मिचौली खेलता हूँ अक्सर इस तरह ही काटता हूँ अकेलापन तुम्हें लगता है खूब आराम में हूँ मैं।