Kanha Kamboj की बेहतरीन शायरी
तूने रिश्ता तोड़ा है मजबूरी होगी में मानता हूं
मुझे तो निभाने दे मैं तुझसे भला क्या मांगता हूं
दर्द में देखकर तू मुझे , मुस्कुरा रही है
मैं कितना पागल हु , तू हस्ती रहे यही दुआ मांगता हूं
Kanha Kamboj की बेहतरीन शायरी
तूने रिश्ता तोड़ा है मजबूरी होगी में मानता हूं
मुझे तो निभाने दे मैं तुझसे भला क्या मांगता हूं
दर्द में देखकर तू मुझे , मुस्कुरा रही है
मैं कितना पागल हु , तू हस्ती रहे यही दुआ मांगता हूं