मजबूर तो हम भी है…
अपनी आदतो से
लाख टोकते है खुद को पर…
ये मासूम दिल को कौन समझाये
बेचारे इस दिल के पास भी थोड़ी समझ होती…
शायद इतना मजबूर ये खुद न होता ना ही मेरी आदते।
मजबूर तो हम भी है…
अपनी आदतो से
लाख टोकते है खुद को पर…
ये मासूम दिल को कौन समझाये
बेचारे इस दिल के पास भी थोड़ी समझ होती…
शायद इतना मजबूर ये खुद न होता ना ही मेरी आदते।