Best Adam Gondvi Hindi Poetry | अदम गोंडवी रचनाएँ
- हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये- अदम गोंडवी
- गर चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे – अदम गोंडवी
- मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको-अदम गोंडवी
- पूछते रहते हैं मुझसे लोग अकसर यह सवाल-अदम गोंडवी
- Samay Se Muthbhed Adam Gondvi | समय से मुठभेड़ अदम गोंडवी
- बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को-अदम गोंडवी
- ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नज़ारों में-अदम गोंडवी
- वह सिपाही थे न सौदागर थे न मजदूर थे-अदम गोंडवी
- मैंने अदब से हाथ उठाया सलाम को-अदम गोंडवी
- बज़ाहिर प्यार को दुनिया में जो नाकाम होता है-अदम गोंडवी
- भुखमरी की ज़द में है या दार के साये में है-अदम गोंडवी
- आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे-अदम गोंडवी
- जो ‘डलहौजी’ न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे-अदम गोंडवी
- ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी-अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है, रुह तक सब कुछ खुलासा देखिए-अदम गोंडवी
- काजू भुने पलेट में, विस्की गिलास में -अदम गोंडवी
- जो उलझ कर रह गई फाइलों के जाल में -अदम गोंडवी
- भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो-अदम गोंडवी
- किसको उम्मीद थी जब रौशनी जवां होगी -अदम गोंडवी
- घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है -अदम गोंडवी
- जिस तरफ डालो नजर सैलाब का संत्रास है -अदम गोंडवी
- विकट बाढ़ की करुण कहानी नदियों का संन्यास लिखा है -अदम गोंडवी
- कविता हिंदी में लिखी हुई
- एशियाई हुस्न की तस्वीर है मेरी ग़ज़ल -अदम गोंडवी
- भुखमरी, बेरोज़गारी, तस्करी के एहतिमाम- अदम गोंडवी
- महज़ तनख़्वाह से निपटेंगे क्या नखरे लुगाइ के- अदम गोंडवी
- जितने हरामख़ोर थे कुर्बो-जवार में- अदम गोंडवी
- न महलों की बुलंदी से न लफ़्ज़ों के नगीने से- अदम गोंडवी
- बज़ाहिर प्यार को दुनिया में जो नाकाम होता है- अदम गोंडवी
- कब तक सहेंगे ज़ुल्म रफ़ीक़ो-रक़ीब के- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- वो जिसके हाथ में छाले हैं, पैरों में बिवाई है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जिस्म की भूख कहें या हवस का ज्वार कहें- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- नीलोफर सबनम नहीं अंगार की बातें करो- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- पहले जनाब कोई शिगूफ़ा उछाल दो- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- महल से झोंपड़ी तक एकदम घुटती उदासी है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- भुखमरी की ज़द में है या दार के साये में है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- चाँद है ज़ेरे-क़दम. सूरज खिलौना हो गया- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- उनका दावा, मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जो उलझ कर रह गई फाइलों के जाल में- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जुल्फ – अंगडाई – तबस्सुम – चाँद – आईना -गुलाब- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नज़ारों में- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जो ‘डलहौजी’ न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- मुक्तिकामी चेतना, अभ्यर्थना इतिहास की- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है, रुह तक सब कुछ खुलासा देखिए- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ये समझते हैं, खिले हैं तो फिर बिखरना है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ‘अदम’ सुकून में जब कायनात होती है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- टी०वी० से अख़बार तक ग़र सेक्स की बौछार हो- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- हीरामन बेज़ार है उफ़्! किस कदर महँगाई से- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ये दुखड़ा रो रहे थे आज पंडित जी शिवाले में- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जिसके सम्मोहन में पाग़ल, धरती है, आकाश भी है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ये महाभारत है जिसके पात्र सारे आ गए- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- काजू भुने पलेट में, विस्की गिलास में-धरती की सतह पर अदम गोंडवी
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