भुखमरी, बेरोज़गारी, तस्करी के एहतिमाम ।
सन् सतासी नज़्र कर दें मज़हबी दंगों के नाम ।
दोस्त ! मलियाना में जाके देखिए,
दो क़दम ‘हिटलर’ से आगे है ये जम्हूरी निज़ाम ।
है इधर फ़ाक़ाकशी से रात का कटना मुहाल,
रक्स करती है उधर स्कॉच की बोतल में शाम ।
बम उगाएँगे ‘अदम’ देहकान गंदुम के एवज़,
आप पहुँचा दें हुकूमत तक हमारा ये पयाम ।
(एहतिमाम=देखरेख,निगरानी, मलियाना=मेरठ
के पास एक जगह, जहाँ पी०ए०सी० ने मुस्लिमों
का क़त्लेआम किया था, देहकान=किसान,
गंदुम=गेहूँ)
धरती की सतह पर अदम गोंडवी | Dharti Ki Satah Par Adam Gondvi
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