जो उलझ कर रह गई फाइलों के जाल में
जो उलझ कर रह गई फाइलों के जाल में
गांव तक वो रोशनी आयेगी कितने साल में
बूढ़ा बरगद साक्षी है किस तरह से खो गई
रमसुधी की झोपड़ी सरपंच की चौपाल में
खेत जो सीलिंग के थे सब चक में शामिल हो गए
हमको पट्टे की सनद मिलती भी है तो ताल में
जिसकी क़ीमत कुछ न हो इस भीड़ के माहौल में
ऐसा सिक्का ढालिए मत जिस्म की टकसाल में
- जो ‘डलहौजी’ न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- मुक्तिकामी चेतना, अभ्यर्थना इतिहास की- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है, रुह तक सब कुछ खुलासा देखिए- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ये समझते हैं, खिले हैं तो फिर बिखरना है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ‘अदम’ सुकून में जब कायनात होती है- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- टी०वी० से अख़बार तक ग़र सेक्स की बौछार हो- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
- ये अमीरों से हमारी फ़ैसलाकुन जंग थी- धरती की सतह पर अदम गोंडवी
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