आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे
आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे
अपने शाहे-वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे
देखने को दे उन्हें अल्लाह कंप्यूटर की आँख
सोचने को कोई बाबा बाल्टी वाला रहे
तालिबे शोहरत हैं कैसे भी मिले मिलती रहे
आए दिन अख़बार में प्रतिभूति घोटाला रहे
एक जनसेवक को दुनिया में अदम क्या चाहिए
चार छ: चमचे रहें माइक रहे माला रहे
- उनकी याद करें- अटल बिहारी वाजपेयी
- मातृपूजा प्रतिबंधित- अटल बिहारी वाजपेयी
- कण्ठ-कण्ठ में एक राग है- अटल बिहारी वाजपेयी
- आए जिस-जिस की हिम्मत हो- अटल बिहारी वाजपेयी
- एक बरस बीत गया- अटल बिहारी वाजपेयी
- जीवन की ढलने लगी साँझ- अटल बिहारी वाजपेयी
- पुनः चमकेगा दिनकर- अटल बिहारी वाजपेयी
- कदम मिलाकर चलना होगा.- अटल बिहारी वाजपेयी
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