मयर दिल मयर टूकर छु मयर पहार-पहाड़ी भाषा काव्य-श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht 

मयर दिल मयर टूकर छु मयर पहार-पहाड़ी भाषा काव्य-श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht

मयर दिल मयर टूकर छु मयर पहार
हमर, बुजर्गों धरौहर छु य मयर पहार
परदेशम रबेर बहत जौ याद ऊ मिगि
यस रंग, बिरगौ छू हमार पहार
मयर दिलक मयर टूकर छू मयर पहाड ।
कोयलक कू कू, घूघत घू घु, छु मयर पहाड
बगवाई कोतिक, हरी भरी खेत,खलियान
वाल छु मयर पहार
आमा, बूबु, दिदी भुला, रिशतै नातक छू मयर पहाड
बाखय, गवार, डाही, नामु वाल छू मयर पहार
मयर दिलक टूकर छु मयर पहाड ।
देव दयापत, रूणी, जाग छू मयर पहाड
ईगी समाय बे धरिया, मयर गों, परदेश, लौगो
हमर सबूक दिल टूकर छू हमर पहाड ।