फिर कभी -सो तो है-अशोक चक्रधर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ashok Chakradhar ,
एक गुमसुम मैना है
अकेले में गाती है
राग बागेश्री ।
तोता उससे कहे
कुछ सुनाओ तो ज़रा
तो
चोंच चढ़ाकर कहती है
फिर कभी गाऊँगी जी ।
फिर कभी -सो तो है-अशोक चक्रधर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ashok Chakradhar ,
एक गुमसुम मैना है
अकेले में गाती है
राग बागेश्री ।
तोता उससे कहे
कुछ सुनाओ तो ज़रा
तो
चोंच चढ़ाकर कहती है
फिर कभी गाऊँगी जी ।