फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 10

फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 10

किसीने अपना बनाके मुझको

किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
अँधेरे घर में किसीने हँसके चराग़ जैसे जला दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया

शरम के मारे मैं कुछ ना बोली
नज़र ने पर्दा गिरा दिया
मगर वो सबकुछ समझ गए हैं, कि दिल भी मैंने गँवा दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया

न प्यार देखा, न प्यार जाना
सुनी थीं लेकिन कहानियाँ
जो ख़्वाब रातों में भी न आया, वो मुझको दिन में दिखा दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया

वो रंग भरते हैं ज़िंदगी में
बदल रहा है मेरा जहाँ
कोई सितारे लुटा रहा था, किसीने दामन बिछा दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
अँधेरे घर में किसीने हँसके चराग़ जैसे जला दिया

पिया तोसे नैना लागे रे

पिया तोसे नैना लागे रे, नैना लागे रे
जाने क्या हो अब आगे रे, नैना लागे रे
पिया तोसे नैना लागे रे, नैना लागे रे

हो, जग ने उतारे हो, धरती पे तारे,
पर मन मेरा मुरझाये
हो, उन बिन आई हो, ऐसी दीवाली
मिलनेको जिया तरसाये, आ साजन पायल पुकारे
झनक झन झन झनक झन झन, पिया तोसे
पिया तोसे नैना …

भोर की बेला सुहानी, नदिया के तीरे
भर के गागर जिस घड़ी मैं चलूँ धीरे धीरे
तुम पे नज़र जब आई, जाने क्यों बज उठे कंगना
छनक छन छन छनक छन छन, पिया तोसे
पिया तोसे नैना …

हो, आ, हो, आई होली आई हो, सब रंग लाई
बिन तेरे होली भी न भाए, हो
भर पिचकारी, हो, सखियों ने मारी
भीगी मोरी सारी हय हय,
तन-बदन मेरा कांपे थर-थर
धिनक धिन धिन धिनक धिन धिन, पिया तोसे
पिया तोसे नैना …

रात को जब चाँद चमके जल उठे तन मेरा
मैं कहूँ मत करो चंदा इस गली का फेरा
आना मेरा सैयाँ जब आए
चमकना उस रात को जब
मिलेंगे तन-मन मिलेंगे तन-मन,
पिया तोसे
पिया तोसे नैना …
पिया
हो हो पिया

छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में

छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए
हम ही हम चमकेंगे तारों के उस गाँव में
आँखों की रौशनी हरदम ये समझाए
चाँदी की कुर्सी पे बैठे मेरी छोटी बहना
सोने के सिंहासन पे बैठे मेरी प्यारी माँ
मेरा क्या मैं पड़ा रहूँगा अम्मीजी के पाँव में
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए

मेरी छोटी बहना नाज़ों की पाली शहज़ादी
जितनी-भी जल्दी हो मैं कर दूँगा उसकी शादी
अच्छा है ये बला हमारी जाए दूजे गाँव में
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए

कहेगी माँ, दुल्हन ला बेटा घर सूना-सूना है
मन में झूम कहूँगा मैं, माँ इतनी जल्दी क्या है
गली-गली में तेरे राजदुलारे की चर्चा है
आख़िर कोई तो आएगा इन नैनों के दाँव में
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए
हम ही हम चमकेंगे तारों के उस गाँव में
आँखों की रौशनी हरदम ये समझाए

मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए

मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए
मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो
मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो
मेरा दिल अगर कोई दिल न था
उसे मेरे सामने तोड़ दो
मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए …

मैं ये भूल जाऊँगा ज़िन्दगी
कभी मुस्कुराई थी प्यार में
मैं ये भूल जाऊँगा मेरा दिल
कभी खिल उठा था बहार में
जिन्हें इस जहाँ ने भुला दिया
मेरा नाम उन में ही जोड़ दो
मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए …

तुम्हें अपना कहने की चाह में
कभी हो सके न किसी के हम
यही दर्द मेरे जिगर में है
मुझे मार डालेगा बस ये ग़म
मैं वो गुल हूँ जो न खिला कभी
मुझे क्यों न शाख़ से तोड़ दो
मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए …

गोरी, बाबुल का घरवा अब है बिदेसवा

गोरी, बाबुल का घरवा अब है बिदेसवा
साजन के चरणों में घर है तेरा
ओ गोरी, चार दीवारी, अंगना, अटारी
यही तेरी दुनिया, ये जग है तेरा
गोरी, बाबुल का घरवा

आई है तू, बगिया में जैसे बहार आई रे
आँचल में प्यार, अँखियों में सपने हज़ार लाई रे
बड़ी गहरी नदिया के पार आई रे
गोरी, बाबुल का घरवा …

रंगोंभरी नई एक दुनिया बसाएगी तू
उम्मीद का नया एक दिवडा जलाएगी तू
पलने में चँदा को झुलाएगी तू
गोरी बाबुल का घरवा …

नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए – २

खाके पीके मोटे होके, चोर बैठे रेल में
चोरों वाला डिब्बा कट कर, पहुँचा सीधे जेल में – २
नानी तेरी मोरनी को …

उन चोरों की ख़ूब ख़बर ली, मोटे थानेदार ने
मोरों को भी खूब नचाया, जंगल की सरकार ने – २
नानी तेरी मोरनी को …

अच्छी नानी प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे
जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे – २
नानी तेरी मोरनी को …

Comments are closed.