नानक तुलीअहि तोल जे जीउ पिछै पाईऐ-सलोक-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji
नानक तुलीअहि तोल जे जीउ पिछै पाईऐ ॥
इकसु न पुजहि बोल जे पूरे पूरा करि मिलै ॥
वडा आखणु भारा तोलु ॥
होर हउली मती हउले बोल ॥
धरती पाणी परबत भारु ॥
किउ कंडै तोलै सुनिआरु ॥
तोला मासा रतक पाइ ॥
नानक पुछिआ देइ पुजाइ ॥
मूरख अंधिआ अंधी धातु ॥
कहि कहि कहणु कहाइनि आपु ॥१॥(1239)॥