तोमर छंद “सुशिक्षा”-शुचिता अग्रवाल शुचिसंदीप -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suchita Agarwal Suchisandeep 

तोमर छंद “सुशिक्षा”-शुचिता अग्रवाल शुचिसंदीप -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suchita Agarwal Suchisandeep

 

अपनायें नवल जोश।
रखना है हमें होश।।
आडम्बर बुरी बात।
सदियों तक करे घात।।

कठपुतली बने लोग।
भूल जीवन उपयोग।।
अंधों की दौड़ छोड़।
लो अपनी राह मोड़।।

ज्ञान की आंखें खोल।
सत्य का समझो मोल।।
कौन सच झूठा कौन।
बैठ मत अब तू मौन।।

जीवन में सदाचार।
मानव तुम रखो धार।।
सत्कर्म करना धर्म।
लो समझ सीधा मर्म।।
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तोमर छंद विधान –

तोमर छंद 12 मात्राओं का सम मात्रिक छंद है।
इसकी मात्रा विन्यास निम्न है-
द्विकल-सप्तकल-3 (केवल 21)
(द्विकल में 2 या 11 मान्य तथा सप्तकल का
1222, 2122, 2212,2221 में से कोई
भी रूप हो सकता है।)
अंत ताल (21) से आवश्यक होता है।

चार चरण। दो दो समतुकांत।
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