एक नजर देख तो ले मेरे यार-विकास कुमार गिरि -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Vikas Kumar Giri
एक नजर देख तो ले मेरे यार
नही तो सारा सजना सवरना हो जाएगा बेकार
एक बार तो करले मेरा दीदार
एक नजर देख तो ले मेरे यार
आज मैं बन ठन के तेरे लिए हुई हु तैयार
तेरे ना देखने से, ये बिंदिया चूड़ी कंगन
सारा पहनना हो जाएगा बेकार
आज ही किये है मैंने सोलह श्रृंगार
एक नजर देख तो ले मेरे यार
तू क्यों नाराज है मुझसे मेरे यार
तेरे ना देखने से,मेरे दिल को ना आये करार
कही मैं तड़प ना जाऊं तेरे एक झलक पाने को
एक नजर देख तो ले मेरे यार