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मुकम्मल सी लगती हैं मेरी शायरी….
लफ्ज़ जब सारे मेरे होते हैं….
और जिक्र सारा तेरा….
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Source by Chandan Doliya
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मुकम्मल सी लगती हैं मेरी शायरी….
लफ्ज़ जब सारे मेरे होते हैं….
और जिक्र सारा तेरा….
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