[ad_1]
तेरे हुस्न की तारीफ मेरी
शायरी के बस की नही
तुझ जैसी कोई और
कायनात मे ही बनी नही.
तेरा मुस्कुराना देना जैसे
पतझड़ मे बहार हो जाये
जो तुझे देख ले वो तेरे
हुस्न मे ही खो जाये.!
आंखे तेरी जैसी
समन्दर हो शराब का
पी के झूमता रहे कोई
नशा तेरे शबाब का..! https://t.co/7Ahe392BfI
[ad_2]
Source by जय पंडित ✍️एक शायर✍️