किया बादलों में सफर ज़िंदगी भर,
ज़मीन पर बनाया ना घर ज़िंदगी भर ।
मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी में,
रहा चार दिन का असर ज़िंदगी भर ।।
#शायरी #बज़्म #रेखता
किया बादलों में सफर ज़िंदगी भर,
ज़मीन पर बनाया ना घर ज़िंदगी भर ।
मोहब्बत रही च…
किया बादलों में सफर ज़िंदगी भर,
ज़मीन पर बनाया ना घर ज़िंदगी भर ।
मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी में,
रहा चार दिन का असर ज़िंदगी भर ।।
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