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आपकी खिदमत में पेश है
इक मतला इक शेर===
ना लिख इस तरह शायरी, कि दिल फ़िदा हो जाए।
लाजवाब दिलकश तहरीरे, इश्क के खुदा हो जाए।
लिखते हो गज़ब का, पढ़कर मदमस्त होता है दिल।
दिल मेरा दीवाना, और फकत आपकी अदा हो जाए।
देवीशंकर “दिल”
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Source by Devi Shankar Kunhara